Show Quick Read Key points generated by AI, verified by newsroom अगर आप गूगल क्रोम यूज करते हैं तो सावधान रहने की जरूरत है. इस ब्राउजर में कुछ ऐसी खामियां पाई गई हैं, जिससे साइबर अटैकर्स आपके सिस्टम को टारगेट कर डेटा चुरा और मालवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं. इतना ही नहीं, कई मामलों में अटैकर्स सिस्टम को काम करने से पूरी तरह बंद कर सकते हैं. इन खामियों को देखते हुए इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने उच्च-गंभीरता वाली वार्निंग जारी की है. बता दें कि गूगल क्रोम दुनिया का सबसे ज्यादा यूज होने वाला ब्राउजर है और भारत में भी करोड़ों लोग ऑफिस से लेकर घर के काम तक इसे यूज करते हैं.
वार्निंग में क्या कहा गया? गूगल क्रोम में इस खामी को CVE-2025-12036 नंबर से चिन्हित किया गया है. इसका फायदा उठाकर हैकर्स विंडोज, मैकओएस और लाइनक्स पर चल रहे सिस्टम को टारगेट कर सकते हैं. वार्निंग में कहा गया है कि क्रोम और मैकओएस पर 41. 0. 7390.
122/. 123 से पुराने वर्जन और लाइनक्स पर 141. 0. 7390. 122 से पुराने वर्जन यूज करने वाले यूजर्स पर इस अटैक का खतरा ज्यादा है.
यानी ऐसे यूजर्स हैकर्स के निशाने पर हैं, जिन्होंने हालिया दिनों में अपने क्रोम ब्राउजर को अपडेट नहीं किया है. ऐसे किया जा सकता है यूजर को टारगेट क्रोम के V8 JavaScript इंजन में मिली कमजोरी के चलते अटैकर्स यूजर को मलेशियस वेबसाइट पर रिडायरेक्ट कर सकते हैं. इसकी मदद से वो यूजर के सिस्टम पर अपनी मर्जी से कोई भी कमांड दे सकते हैं और मालवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं. इसके अलावा डेटा चोरी और सिस्टम को क्रैश करने का भी खतरा बना हुआ है. यूजर अब क्या करें? CERT-In ने यूजर्स को गूगल क्रोम को जल्दी से जल्दी अपडेट करने की सलाह दी है.
इन खामियों को दूर करने के लिए कंपनी ने सिक्योरिटी पैचेज जारी कर दिए हैं और क्रोम को अपडेट कर इन्हें इंस्टॉल किया जा सकता है. इसके लिए क्रोम ओपन करें और हेल्प में जाकर अबाउट गूगल क्रोम पर क्लिक करें. यहां अगर कोई पेंडिंग अपडेट दिख रही है तो इसे तुरंत इंस्टॉल कर लें.








