न शक्ल मिली, न आवाज... कैसे 48 साल बाद गिरफ्तार हुआ फरार आरोपी? 1977 में गर्लफ्रेंड को मारा था चाकू

न शक्ल मिली, न आवाज... कैसे 48 साल बाद गिरफ्तार हुआ फरार आरोपी? 1977 में गर्लफ्रेंड को मारा था चाकू
By : | Updated at : 15 Oct 2025 05:00 PM (IST)

मुंबई की कोलाबा पुलिस ने हत्या के प्रयास के एक आरोपी को गिरफ्तार किया, जो पिछले 48 सालों से फरार था, उसके खिलाफ 1977 में मामला दर्ज किया गया था. हालांकि इस मामले में उसे कोर्ट से ज़मानत पर रिहा कर दिया गया था. वह बाद में किसी भी तारीख पर कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ था. गिरफ़्तार आरोपी की पहचान 71 वर्षीय चंद्रशेखर मधुकर कालेकर के रूप में हुई है जो लालबाग में रहता था. 1977 में, उसे अपनी प्रेमिका पर शक हुआ कि वह धोखा कर रही है.

गुस्से में उसने कथित महिला को चाकू मार दिया. 23 साल की उम्र में हुई थी गिरफ्तारी कोलाबा पुलिस के अनुसार, उस समय आरोपी 23 साल का था. उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में उसे कोर्ट से ज़मानत मिल गई. हालांकि, उसके बाद वह अदालती सुनवाई में पेश नहीं हुआ.

उसके खिलाफ कई वारंट जारी करने के बाद, अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया. पुलिस कई वर्षों से आरोपी की तलाश कर रही थीं, लेकिन असफल रहीं क्योंकि हाजी कसम चॉल के पुनर्विकास से कुछ समय पहले ही वह कई और अन्य जगह चला गया था. कोलाबा पुलिस ने छह महीने पहले मामले को फिर से खोला. वे लालबाग स्थित उसके घर गए और पाया कि चॉल का पुनर्विकास हो चुका है. पुलिस ने मुंबई के कई इलाकों में उसकी खोज की, लेकिन वह नहीं मिला.

पुलिस ने मतदाता सूची की भी जांच की, लेकिन किसी भी लिस्ट में उसका नाम शामिल नहीं था. तलाशी और गिरफ्तारी की प्रक्रिया एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमने आरटीओ और अदालती मामलों की जानकारी के लिए अदालती आवेदनों की जांच की. आखिरकार दापोली पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामला मिला, यह केस रत्नागिरी जिले हुआ था. गाड़ी चलाते समय किसी को घायल करने के मामले में साल 2015 में उसपर केस हुआ था. रिकॉर्ड मिलने के बाद आखिरकार उसे दापोली से ढूंढ निकाला गया.

एक अधिकारी ने बताया कि हमें यकीन नहीं था कि वह दापोली पुलिस स्टेशन को दिए गए पते पर रुका होगा. सोमवार देर रात, पुलिस स्टेशन द्वारा दिए गए पते पर गए और उसे घर में पाया. वह 48 साल बाद कोलाबा पुलिस को अपने घर में देखकर हैरान रह गया और लगभग उस मामले को भूल भी चुका था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि अपराध के समय वह 23 वर्ष का था और आज वह 71 वर्ष का है. उसे पहचानना मुश्किल है क्योंकि हमारे पास केवल उसकी पुरानी तस्वीरें हैं.

हालांकि, पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार लिया. पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद उसे ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया.

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