10 डिजिट का ही क्यों होता है मोबाइल नंबर, इसमें कम या ज्यादा क्यों नहीं होते डिजिट?

10 डिजिट का ही क्यों होता है मोबाइल नंबर, इसमें कम या ज्यादा क्यों नहीं होते डिजिट?
By : | Edited By: Deepali Bisht | Updated at : 08 Oct 2025 03:37 PM (IST)
Quick Summary

This article highlights: 10 डिजिट का ही क्यों होता है मोबाइल नंबर, इसमें कम या ज्यादा क्यों नहीं होते डिजिट?. In context: जब भी हम किसी का नंबर डायल करते हैं तो कॉल करने से पहले अच्छे से चेक कर लेते है कि नंबर 10 डिजिट का है या नहीं अगर गलती से कोई डिजिट मिस हो जाता है या एक भी डिजिट एक्स्ट्रा हो जाता है तो नंबर अवैध हो जाता है और कॉल नहीं लगती. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

जब भी हम किसी का नंबर डायल करते हैं तो कॉल करने से पहले अच्छे से चेक कर लेते है कि नंबर 10 डिजिट का है या नहीं. अगर गलती से कोई डिजिट मिस हो जाता है या एक भी डिजिट एक्स्ट्रा हो जाता है तो नंबर अवैध हो जाता है और कॉल नहीं लगती. क्या आपने कभी सोचा है कि फोन नंबर हमेशा 10 डिजिट का ही क्यों होता है? आइए आपको बताते हैं इसके पीछे का कारण?

क्या है 10 डिजिट्स का सीक्रेट?

भारत में चलने वाले NNP यानी नेशनल नंबरिंग प्लान की वजह से ही सभी फोन नंबर्स 10 डिजिट के होते हैं. हालांकि, साल 2003 तक भारत में 9 अंकों का फोन नंबर इस्तेमाल होता था, लेकिन तेजी से बढ़ती आबादी के मद्देनजर और कई नए फोन नंबर्स की जरूरत को पूरा करने के लिए TRAI ने इसे 10 डिजिट का कर दिया.

10 डिजिट्स करेंगी प्रॉब्लम सॉल्व

आमतौर पर लोग ये बात नहीं जानते हैं कि फोन नंबर कैसे बनाए जाते हैं और हर इंसान का नंबर दूसरे से अलग कैसे होता है? दरअसल, नंबर की संख्या 0 से 9 होने पर केवल 10 अलग अलग नंबर बनाए जा सकते हैं, जिन्हें 10 लोग इस्तेमाल करेंगे. वहीं 2 डिजिट्स का फोन नंबर होने पर 0 से लेकर 99 तक नंबर इस्तेमाल करके 100 नए नंबर बनाए जा सकते हैं. ऐसे में फोन नंबर में 10 डिजिट रखे गए, जिससे करोड़ों नए नंबर बनाएं जा सकें.

क्यों चाहिए इतने नंबर्स?

बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ आज हर किसी इंसान के पास मोबाइल फोन मौजूद है. ऐसे में जितने मोबाइल उतनी सिम और उतने ही नए नंबर. दरअसल, 140 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले भारत में इस समस्या को सुलझाने के लिए 10 डिजिट का मोबाइल नंबर रखा गया. कैलकुलेशन के मुताबिक, इससे एक हजार करोड़ नए नंबर बनाए जा सकेंगे और फ्यूचर में भी लोगों को अलॉट किए जा सकेंगे.

किन देशों में कम डिजिट के हैं मोबाइल नंबर?

बता दें कि हर देश अपनी आबादी के हिसाब से मोबाइल नंबर के डिजिट तय करता है. जैसे आइसलैंड की आबादी महज 4 लाख है. ऐसे में वहां सिर्फ 7 डिजिट के ही मोबाइल नंबर रखे गए हैं. वहीं, हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर, मकाऊ, निकारागुआ और स्लोवेनिया आदि देशों में मोबाइल नंबर सिर्फ 8 डिजिट के ही हैं.

क्या ज्यादा डिजिट के भी हो सकते हैं मोबाइल नंबर?

अब सवाल उठता है कि अगर भारत की आबादी 10 डिजिट वाले सभी मोबाइल नंबर के कॉम्बिनेशन से ज्यादा हो जाए तो क्या होगा? ऐसे में 11 या 12 डिजिट के मोबाइल नंबर भी जारी किए जा सकते हैं, जिससे अरबों नए कॉम्बिनेशन बनाए जा सकेंगे.

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