Quick Summary
This article highlights: सिर में सिर्फ दर्द है या ब्रेन ट्यूमर ने कर ली एंट्री? इन वॉर्निंग सिग्नल से पता लगती है असली प्रॉब्लम. In context: काम और स्ट्रेस के बीच आज सिरदर्द एक कॉमन प्रॉब्लम बन चुकी है ऑफिस में ज्यादा काम, थकान और लंबे समय तक स्क्रीन के आगे बैठे रहने से आमतौर पर सिर दर्द हो जाता है. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.
काम और स्ट्रेस के बीच आज सिरदर्द एक कॉमन प्रॉब्लम बन चुकी है. ऑफिस में ज्यादा काम, थकान और लंबे समय तक स्क्रीन के आगे बैठे रहने से आमतौर पर सिर दर्द हो जाता है. लेकिन अगर आए दिन सिर में दर्द रहने लगे तो ये आम बात नहीं है. ये खतरे की निशानी भी हो सकती है.
दरअसल, रोजाना सिर में दर्द होने से कई बार परेशानी हो सकती है. ये दिमाग में ब्लीडिंग या ब्रेन ट्यूमर का लक्षण भी हो सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि किन सिम्टम्स के दिखने पर ब्रेन ट्यूमर की शिकायत हो सकती है.
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
हर सिर दर्द ब्रेन ट्यूमर नहीं होता है. लेकिन ब्रेन ट्यूमर की अपनी कुछ निशानियां होती हैं, जिन्हें देखकर आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं. न्यूरोसर्जन्स के मुताबिक अगर किसी सिर दर्द के दौरान अचानक से सिर में अजीब एहसास होने लगे, बिजली कड़कने जैसा दर्द हो या काफी देर तक सिर में दर्द बना रहे तो ये सिर में ट्यूमर या ब्लीडिंग की निशानी हो सकती है. इसके अलावा ब्रेन ट्यूमर या ब्लीडिंग होने पर कोई दवाई भी इस दर्द को कम नहीं कर पाती है. ऐसे में कई लोगों को धुंधला दिखाई देने लगता है और अचानक चक्कर आने लगते हैं.
साथ ही, थंडरक्लैप हेडएक में काफी तेज सिरदर्द होता है, आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है और सिर में तेजी से चोट लगने जैसा दर्द होने लगता है. इसमें सिर की नस फटने का भी डर होता है. ऐसे में अगर समय से इलाज न किया जाए तो इंसान कोमा में भी जा सकता है या उसकी मौत भी हो सकती है.
कैसे कर सकते हैं इसके रिस्क को कम?
ब्रेन ट्यूमर से बचने के लिए या सही समय पर बचाव के तरीके अपनाने के लिए इसके सिम्टम्स पर ध्यान देने के साथ-साथ स्ट्रेस लेवल कम करने और बेहतर नींद की भी जरूरी होती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक हमें रोजाना 7 से 9 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए. इससे हमारे ब्रेन सेल्स जल्दी रिपेयर होते हैं, मेमोरी अच्छी बनी रहती है और न्यूरोडिजनरेटिव डिसऑर्डर का खतरा भी कम होता है. अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो सिर दर्द और बढ़ सकता है और लंबे समय के लिए ये बीमारी बनी रह सकती है.
इसके अलावा इससे बचाव करने के लिए जरूरी है कि समय रहते सही एक्शन लिया जाए. अगर आपको लगे कि आपके सिर में होने वाला दर्द नॉर्मल हेडएक के मुकाबले काफी तेज और अलग है तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें ताकि ये समस्या और न बढ़ जाए.
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