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This article highlights: बिहार चुनाव 2025: 1.5 करोड़ की नौकरी छोड़, चुनावी दंगल में कूदा IITian, जानें क्यों हैं चर्चा में?. In context: बिहार चुनाव के बीच पटना साहिब की सीट पर सभी का ध्यान तेजी से जा रहा है इस सीट से कांग्रेस ने शशांत शेखर को चुनाव मैदान में उतारा है. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.
बिहार चुनाव के बीच पटना साहिब की सीट पर सभी का ध्यान तेजी से जा रहा है. इस सीट से कांग्रेस ने शशांत शेखर को चुनाव मैदान में उतारा है. शशांत शेखर विदेश में शानदार नौकरी करते थे, जिसे छोड़कर वे बिहार के चुनावी रण में कूद गए हैं.
शशांत लगभग 1.5 करोड़ की नौकरी को त्याग देने के बाद बिहार के सियासी दंगल में किस्मत आजमाने उतर गए हैं. बता दें आईआईटी दिल्ली और आईआईएम कोलकाता से उन्होंने अपनी शिक्षा ग्रहण की है.
करोड़ों की नौकरी छोड़ राजनीति में कूदे
जानकारी के अनुसार, शशांत को जर्मन कंपनी सीमेंस ने 1.5 लाख यूरो यानी भारत के 1.25 करोड़ की नौकरी का पैकेज ऑफर किया था, लेकिन शशांत ने इस ऑफर को ठुकरा दिया. उनका कहना था कि वह भारत में हीं अपनी शिक्षा का इस्तेमाल जनता की सेवा में करना चाहते हैं.
बात करें अगर शशांत के परिवार की तो वह एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक से रखते हैं. उनके दादा 4 बार चुनाव लड़कर अपनी किस्मत अजमा चुके हैं. बता दें शशांत ने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की. इसके बाद शुरुआती दिनों में उन्होंने एक स्टार्टअप के साथ काम करके शुरुआत की, फिर वह सैमसंग कंपनी के साथ जुड़ गए, लेकिन राजनीतिक जुड़ाव उनका लगातार बना रहा.
शशांत का राजनीतिक सफर
शशांत शेखर ने साल 2022 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी. इसके बाद उन्होंने पटना साहिब के लिए काम करना शुरू कर दिया था. शशांत का लोगों से दावा है कि आपका बेटा आपके द्वार अभियान के जरिए 80 हजार घरों का दौरा कर चुके हैं. इस दौरान लोगों से मिले सुझावों के आधार पर उन्होंने पटना साहिब के लिए 5 साल का रोडमैप बनाया है.
वित्तीय स्थिरता के लिए उन्होंने सामाजिक जीवन से पहले बख्तियारपुर के पास खुशरुपुर में डेयरी फार्म खोला. जिसमें करीब 80 गाय हैं. जिनसे उन्हें शानदार इनकम प्राप्त होती है. इस पर उन्होंने कहा था कि, हमारी डेयरी लोगों के परिवारों और स्थानीय समुदायों के लोगों की मदद करती है.
पटना साहिब काफी लंबे समय से जाति-आधारित वोटिंग पैटर्न से प्रभावित रहा है, लेकिन शशांत शेखर कहते हैं कि, 2025 का चुनाव अलग होने वाला है. उन्होंने कहा कि इस बार लोग जाति पर नहीं बल्कि मुद्दों पर वोट करेंगे. कांग्रेस अब योग्यता और प्रदर्शन पर ध्यान दे रही है.
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