समय पर नहीं छोड़ी स्मोकिंग की गंदी आदत, बुढ़ापे में तेजी से घटेगी सोचने-समझने की शक्ति

समय पर नहीं छोड़ी स्मोकिंग की गंदी आदत, बुढ़ापे में तेजी से घटेगी सोचने-समझने की शक्ति
By : | Edited By: Deepali Bisht | Updated at : 18 Oct 2025 12:33 PM (IST)

बढ़ती उम्र के साथ इंसान की फिजिकल स्ट्रेंथ और याद रखने की क्षमता कम होती जाती है. जैसे- चीजें रखकर भूल जाना, शरीर में कमजोरी और धुंधला दिखाई देना लाजमी है. इसमें कोई चिंता की बात नहीं है क्योंकि बुढ़ापे में ज्यादातर लोगों में कॉग्निटिव डिक्लाइन देखने को मिलता है. कॉग्निटिव डिक्लाइन में इंसान की मेंटल एबिलिटी दिन-ब-दिन कम होती चली जाती है और वह चीजों के बारे में भूलने लगता है. ऐसे में बढ़ती उम्र के साथ यह सामान्य है.

हालांकि, अगर यह परेशानी हद से ज्यादा बढ़ जाए तो यह गंभीर कॉग्निटिव डिक्लाइन की ओर संकेत करता है, जो कि बेहद खतरनाक है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण स्मोकिंग की आदत को बताया गया है. लैंसेट की रिपोर्ट से पता चलता है कि मिडलाइफ में स्मोकिंग छोड़ देने वालों में बुढ़ापे में सीवर कॉग्निटिव डिक्लाइन स्लो डाउन हो जाता है. स्मोकिंग बढ़ाती है कॉग्निटिव डिक्लाइन स्मोकिंग करने से इंसान की मेंटल हेल्थ पर काफी असर देखने को मिलता है. इससे कॉग्निटिव एबिलिटी दिन-ब-दिन कम होती चली जाती है और मेमोरी, अटेंशन और एग्जिक्यूटिव फंक्शन धीरे हो जाते हैं.

इससे डिमेंशिया, अल्जाइमर और स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है. डॉक्टर्स के अनुसार, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि स्मोकिंग से दिमाग की ब्लड वैसल्स डैमेज हो जाती हैं और दिमाग में ब्लड की सप्लाई कम होने लगती है, जिससे ब्रेन काम करना बंद कर देता है या धीरे काम करने लगता है. इसके अलावा इससे अल्जाइमर या पारकिंसन जैसी कई न्यूरोडिजनरेटिव डिसीस भी हो सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि स्मोकिंग करने से दिमाग में एमिलॉयड प्लाक बनने लगता है, जिससे खतरा बढ़ जाता है. साथ ही निकोटिन दिमाग में ब्लड सप्लाई को रोक देता है जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

स्मोकिंग छोड़ने का क्या है फायदा ? साइंटिस्ट ने अपनी स्टडी में पाया कि जो लोग मिडिल लाइफ में ही स्मोकिंग छोड़ देते है उनमें बुढ़ापे में कॉग्निटिव डिक्लाइन 20% धीरे हो जाता है और वर्बल फ्लुएंसी में डिक्लाइन भी 50% स्लो डायन हो जाता है, जिससे उनकी सोचने समझने की शक्ति ठीक रहती है और वह बेहतर तरीके से कम्युनिकेट कर पाते हैं. ऐसे में जिन लोगों को स्मोकिंग की लत होती है उन्हें इसे मिडिल एज में ही छोड़ने की कोशिश करनी चाहिए ताकि बुढ़ापे में जाकर ये परेशानी और न बढ़ जाए. Check out below Health Tools-.

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