रेप के दोषी आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट से एक बार फिर बड़ी राहत मिली है. यौन उत्पीड़न के दोषी आसाराम को 6 महीने की अंतरिम जमानत प्रदान की गई है. इससे आसाराम को अब अगले छह महीने तक जेल में नहीं रहना पड़ेगा. यह राहत एक्टिंग मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने दी है. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत और अधिवक्ता यशपालसिंह राजपुरोहित ने आसाराम की ओर से पक्ष रखा.
उन्होंने अदालत को बताया कि आसाराम गंभीर बीमारियों से ग्रसित है और नियमित मेडिकल जांच के लिए उसका जेल से बाहर रहना जरूरी है. बिना कस्टडी के इलाज से होगा फायदा- वकील दलील दी गई कि बिना कस्टडी के उपचार से उसकी सेहत में सुधार की संभावना है. अदालत ने आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति, उम्र और पिछले 13 साल से जेल में बंद रहने के आधार पर यह राहत दी है. 9 अक्टूबर को अचानक बिगड़ी आसाराम की तबीयत जोधपुर में अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा से रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की कुछ समय पहले तबीयत काफी बिगड़ गई थी. 9 अक्टूबर को जोधपुर सेंट्रल जेल में आसाराम को अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगी, जिसके बाद जेल प्रशासन ने तत्काल उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल आरोग्यम में भर्ती कराया.
2013 में हुई थी आसाराम की गिरफ्तारी, 2018 में दोषी करार जानकारी के लिए बता दें, आसाराम को साल 2018 में जोधपुर की विशेष POCSO अदालत ने एक नाबालिग से रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. तब से वह जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है. उसपर अगस्त 2013 में एक 16 वर्षीय लड़की से रेप का आरोप लगा था. पीड़िता के माता-पिता ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को आसाराम को गिरफ्तार कर लिया था.








