सुबह चार्ज किए गए फोन की बैटरी कब डिस्चार्ज हो जाए इस बात का कोई भरोसा नहीं होता. ऐसे में इसका बेहद आसान सॉल्यूशन है, पवारबैंक खरीदना. इस पावरबैंक की मदद से आप आसानी से कहीं भी और कभी भी अपने डिस्चार्ज फोन की बैटरी को बिना किसी झंझट के तुरंत चार्ज कर सकते हैं. इस पावरबैंक को भी टाइम तो टाइम चार्ज करना काफी जरूरी होता है. लेकिन कई बार हम इसे चार्ज करते टाइम लापरवाही दिखाते हैं और काफी देर के लिए इसे चार्ज पर लगाकर छोड़ देते हैं.
ऐसे में ये लापरवाही बेहद खतरनाक साबित हो सकती है और पावरबैंक ब्लास्ट हो सकता है. आइए आज हम आपको बताते हैं कि कितनी देर तक चार्ज करना चाहिए पावरबैंक और क्या है इसे इस्तेमाल करने का सही तरीका. कहीं पावरबैंक में न लग जाए आग पावरबैंक एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो मोबाइल चार्ज करने के काम आता है. ऐसे में ये जितना यूजफुल है उतना ही खतरनाक भी है. दरअसल, पावर बैंक में मौजूद बैटरी किसी भी आम डिवाइस के जैसी ही होती है, जिसकी अपनी कई लिमिटेशन्स होती हैं.
ऐसे में इसे काफी देर तक चार्ज पर लगाए रखने से इसकी बैटरी पर दबाव पड़ता है. कांस्टेंट पावर सप्लाई के चलते बैटरी काफी गर्म हो जाती है. इसके अन्दर का केमिकल रिएक्शन तेज हो जाता है, जिससे इसके फटने का या इसमें आग लगने का रिस्क बढ़ जाता है. आए-दिन ऐसे कई केसिज देखने को भी मिलते हैं, जिनमें पावरबैंक को ओवरचार्ज करने से कई बड़े एक्सीडेंट्स हो जाते हैं. इसके अलावा अगर आप लो क्वालिटी या फिर सस्ते ब्रांड का पावरबैंक भी लेते हैं तो इसमें लगी घटिया क्वॉलिटी की लीथियम बैटरी में शॉर्ट सर्किट का काफी खतरा होता है.
पावरबैंक को इस्तेमाल करने के सही तरीके 1. पावरबैंक को चार्ज करते समय हमेशा टाइम का ध्यान रखना चाहिए. पावरबैंक को बैटरी फुल होने से थोड़ा पहले ही हमें उसे चार्जिंग से निकाल देना चाहिए. 2. पावरबैंक को चार्ज करते टाइम ये जरूर देखें कि जिस एडॉप्टर पर आप उसे चार्ज के लिए लगा रहे हैं, उसकी कैपेसिटी कितनी है.
3. चार्जिंग के टाइम पावरबैंक और एडॉप्टर दोनों को समय-समय पर चेक करें कि कहीं वह हीट तो नहीं हो रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो तुरंत उसे चार्जिंग से हटा दें. 4. पावरबैंक को चार्जिंग में लगाते टाइम पोर्ट को भी एक बार जरूर चेक कर लें कि कहीं वह ढीला तो नहीं हो रहा या उसमें प्रॉपर सप्लाई है या नहीं.
साथ ही, उसमें नमी तो नहीं इस बात को भी जरूर चेक करें.








