यहूदी-ईसाई और मुसलमानों में क्या है रिश्ता, इन तीनों धर्मों में क्या चीजें कॉमन?

यहूदी-ईसाई और मुसलमानों में क्या है रिश्ता, इन तीनों धर्मों में क्या चीजें कॉमन?
By : | Updated at : 30 Oct 2025 09:59 AM (IST)

दुनिया के सबसे पुराने और प्रभावशाली धर्मों में गिने जाने वाले यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम देखने में भले ही तीन अलग-अलग आस्थाएं लगें, लेकिन इनके बीच का रिश्ता बेहद गहरा और ऐतिहासिक है. इन तीनों को मिलाकर अब्राहमिक धर्म कहा जाता है, क्योंकि इनका मूल स्रोत एक ही व्यक्ति प्रवक्ता इब्राहिम से जुड़ा है. आइए जानते हैं कि तीनों धर्मों में क्या चीजें कॉमन हैं. क्या है इन तीनों धर्मों का कनेक्शन? अगर इतिहास के पन्ने पलटें तो पाएंगे कि इन तीनों धर्मों का जन्म पश्चिमी एशिया के एक ही क्षेत्र मध्य पूर्व में हुआ था. यहूदी धर्म सबसे पुराना है, ईसाई धर्म उसकी शाखा के रूप में फैला और फिर इस्लाम ने दोनों से आगे बढ़कर मानवता, एकेश्वरवाद और सामाजिक समानता का संदेश दिया.

तीनों धर्मों की सबसे बड़ी समानता यह है कि ये एक ईश्वर में विश्वास करते हैं. यानी यह मान्यता कि सृष्टि का रचयिता केवल एक है, और वही सबका पालनहार है. यह धारणा मोनोथिज्म कहलाती है और यह तीनों आस्थाओं का केंद्र बिंदु है. क्या चीजें हैं कॉमन? इसके अलावा, तीनों ही धर्मों में नबी या पैगंबरों की परंपरा है, जिन्हें भगवान का संदेशवाहक माना जाता है. दिलचस्प बात यह है कि कई पैगंबर तीनों धर्मों में समान हैं, जैसे- मूसा, इब्राहिम, नूह, दाऊद, जोसेफ ये सब तीनों धर्मों में पूज्य हैं.

एक और दिलचस्प समानता है पवित्र ग्रंथों की श्रृंखला. यहूदियों का धर्मग्रंथ तनाख, ईसाइयों की बाइबल और मुसलमानों का कुरान- तीनों में कुछ न कुछ बातें, घटनाएं और पात्र एक-दूसरे से मेल खाते हैं. उदाहरण के तौर पर, आदम और हव्वा, नूह की नाव, मिस्र से मूसा का पलायन जैसी कहानियां तीनों ग्रंथों में मौजूद हैं. क्या है इन तीनों का मकसद? तीनों धर्मों में प्रार्थना, दान और उपवास की परंपरा भी समान है. यहूदी योम किप्पुर पर उपवास रखते हैं, ईसाई लेंट के समय, और मुसलमान रमजान में रोजा रखते हैं.

लेकिन सबका मकसद एक ही है आत्मा को शुद्ध करना और ईश्वर के प्रति समर्पण जताना. इतिहास में कई बार इन धर्मों के अनुयायियों के बीच मतभेद और संघर्ष भी हुए हैं, लेकिन अगर गहराई से देखा जाए, तो इनके संदेश में एक भावना है- शांति, करुणा और न्याय. तीनों धर्म इंसान को अच्छाई के रास्ते पर चलने और बुराई से दूर रहने की सीख देते हैं. कह सकते हैं कि यहूदी, ईसाई और इस्लाम तीनों धर्म एक ही परिवार के सदस्य हैं, जिनकी जड़ें समान हैं, पर शाखाएं अलग-अलग दिशाओं में फैली हैं.

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