आत्मनिर्भरता और समग्र स्वास्थ्य पर केंद्रित हैं पतंजलि की भविष्य की योजनाएं, क्या है कंपनी का प्लान?

आत्मनिर्भरता और समग्र स्वास्थ्य पर केंद्रित हैं पतंजलि की भविष्य की योजनाएं, क्या है कंपनी का प्लान?
By : | Updated at : 10 Oct 2025 09:42 AM (IST)
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This article highlights: आत्मनिर्भरता और समग्र स्वास्थ्य पर केंद्रित हैं पतंजलि की भविष्य की योजनाएं, क्या है कंपनी का प्लान?. In context: पतंजलि आयुर्वेद का दावा है कि कंपनी अब भारत को स्वस्थ और आत्मनिर्भर बनाने के सपने में जुटी है साल 2025 तक कंपनी की योजना है कि वह पूरे देश में 10 हजार वेलनेस हब्स खोलेगी. Stay tuned with The Headline World for more insights and details.

पतंजलि आयुर्वेद का दावा है कि कंपनी अब भारत को स्वस्थ और आत्मनिर्भर बनाने के सपने में जुटी है. साल 2025 तक कंपनी की योजना है कि वह पूरे देश में 10 हजार वेलनेस हब्स खोलेगी. ये हब्स न सिर्फ आयुर्वेदिक दवाओं और योग कक्षाएं प्रदान करेंगे, बल्कि लोगों को घरेलू उपचार और स्वदेशी उत्पादों की जानकारी भी देंगे. स्वामी रामदेव का मानना है कि असली स्वास्थ्य दवा की गोली से नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ जुड़ाव से आता है. इसलिए पतंजलि की योजनाएं आत्मनिर्भरता पर जोर देती हैं, जहां स्थानीय किसानों से कच्चा माल खरीदकर उत्पाद बनाए जाते हैं. इससे न सिर्फ रोजगार बढ़ेगा, बल्कि विदेशी आयात पर निर्भरता भी कम होगी.

शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर हमारा फोकस- पतंजलि

पतंजलि का कहना है, ''हमारा फोकस समग्र स्वास्थ्य पर है, यानी शरीर, मन और आत्मा का संतुलन. कंपनी अब एडटेक, वेलनेस रिसॉर्ट्स और सस्टेनेबल कृषि में विस्तार कर रही है. उदाहरण के लिए, डिजिटल हेल्थ ऐप्स से लोग घर बैठे डॉक्टरों से सलाह ले सकेंगे. लॉजिस्टिक्स को ऑटोमेट करके उत्पाद जल्दी पहुंचाने की योजना है.'' स्वामी रामदेव कहते हैं, ''आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान का मेल भारत को मजबूत बनाएगा. पतंजलि ने अब तक एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का आर्थिक मूल्य पैदा किया है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है. कंपनी स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देकर किसानों को जोड़ रही है, ताकि जड़ी-बूटियां और अनाज देश में ही उगें.''

पतंजलि का दावा है, ''साल 2025 में आयुर्वेद उद्योग 1.9 लाख करोड़ रुपये का हो चुका है, और पतंजलि इसमें अग्रणी है. कंपनी अब वैश्विक स्तर पर फैल रही है. जैसे, यूएई में जल्द ही पतंजलि वेलनेस सेंटर खुलेंगे, जहां योग, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी का मेल होगा. यह कदम भारत की सॉफ्ट पावर को मजबूत करेगा. पतंजलि ई-कॉमर्स, शिक्षा और कृषि में भी प्रवेश कर चुकी है. टेलीमेडिसिन जैसी तकनीक से ग्रामीण इलाकों तक स्वास्थ्य पहुंचेगा, जो समय और पैसे बचाएगी. लेकिन चुनौतियां भी हैं, जैसे उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखना और बाजार प्रतिस्पर्धा.''

आत्मनिर्भरता से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था- पतंजलि

पतंजलि ने बताया है, ''कंपनी की योजनाएं सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि एक क्रांति हैं. आत्मनिर्भरता से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और समग्र स्वास्थ्य से लोग स्वस्थ रहेंगे. स्वामी रामदेव की यह दृष्टि भारत को नया आयाम देगी. यदि यह सपना साकार हुआ, तो 2025 के बाद का भारत और भी चमकदार दिखेगा.''

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