भारत के मशहूर क्रिकेटर युवराज सिंह को कौन नहीं जानता, जब भी भारतीय क्रिकेट की बात होती है, युवराज का नाम सबसे पहले ज़ुबान पर आता है. 2011 वर्ल्ड कप में उनकी शानदार बल्लेबाजी और ऑलराउंड प्रदर्शन को भुलाना नामुमकिन है. मैदान पर वह जितने दमदार थे, उतनी ही इमोशनल उनकी पर्सनल लाइफ भी रही है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस हीरो के पीछे एक दर्दनाक कहानी छिपी है. एक ऐसी कहानी, जिसमें एक बेटे को खुद अपने माता-पिता को अलग होने का सुझाव देना पड़ा.
तो चलिए जानते हैं कि टीम इंडिया के इस खिलाड़ी ने खुद अपने माता-पिता का तलाक क्यों कराया था. युवराज ने क्यों कराया था अपने माता-पिता का तलाक? युवराज सिंह का जन्म चंडीगढ़ में हुआ था. उनके पिता योगराज सिंह न सिर्फ एक शानदार क्रिकेटर रह चुके थे, बल्कि बाद में पंजाबी और हिंदी फिल्मों के मशहूर अभिनेता भी बने, लेकिन उनका स्वभाव बहुत सख्त और गुस्से वाला बताया जाता है. घर में अक्सर झगड़े होते थे, और उसी माहौल में छोटे युवराज को अपना बचपन बिताना पड़ा. युवराज ने एक पुराने इंटरव्यू में बताया था कि उनके घर का माहौल सालों तक तनाव से भरा रहा.
झगड़े, तकरार और गुस्से की वजह से घर में शांति नाम की कोई चीज नहीं बची थी. उन्होंने कहा था कि जब वह लगभग 14 या 15 साल के थे, तब उन्होंने ही अपने माता-पिता से कहा कि अगर वे एक-दूसरे के साथ खुश नहीं हैं, तो अलग हो जाना बेहतर है. उनका कहना था कि मुझे लगा कि अगर वे हमेशा लड़ते रहेंगे, तो यह न तो उनके लिए अच्छा है और न मेरे लिए. इसलिए मैंने ही उन्हें अलग होने की सलाह दी. युवराज सिंह का करियर और पिता योगराज सिंह का गुस्सा युवराज के पिता योगराज सिंह अपने समय के बड़े खिलाड़ी थे.
लेकिन अपनी अधूरी क्रिकेटिंग को उन्होंने बेटे पर थोप दिया. युवराज ने बताया था कि उनके पिता चाहते थे कि जो सपना वह खुद पूरा नहीं कर पाए, उसे उनका बेटा पूरा करें. उन्होंने कहा मेरे पिता बहुत मेहनती इंसान थे. वह अपने सपनों को मेरे जरिए पूरा करना चाहते थे. मैं भारत के लिए खेलूं, यही उनकी सबसे बड़ी इच्छा थी.
हालांकि इस सख्ती ने युवराज को एक मजबूत खिलाड़ी तो बनाया, लेकिन एक युवराज सिंह का करियर और पिता योगराज सिंह का रिश्ता दूरियों में बदल गया. समय के साथ युवराज भारत के सुपरस्टार क्रिकेटर बने, लेकिन रिश्ते में खराबी बनी रही. योगराज सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अब दोनों के बीच कोई रिश्ता नहीं बचा. माता-पिता के तलाक के बाद युवराज जब युवारज के माता-पिता अलग हुए, तब युवराज अपनी मां शबनम सिंह के साथ रहने लगे. मां ने अकेले ही बेटे की परवरिश की और उसे हर मुश्किल में संभाला.
युवराज ने एक बार कहा था कि सिर्फ एक मां ही वह सब कर सकती है जो मेरी मां ने मेरे लिए किया, मैं उनके त्याग के लिए हमेशा आभारी रहूंगा.








