बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राजनीतिक पार्टियों का चुनाव प्रचार तेज होता जा रहा है. इसी कड़ी में बिहार के गोपालगंज पहुंचे AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं आप सबके बीच एक अहम मामला लेकर आया हूं. मेरे अज़ीज़ दोस्तों और बुज़ुर्गों आपसे अपील है कि 6 तारीख मतदान का दिन है. अगर आप विकास चाहते हैं तो इस बार हमारे उम्मीदवार को कामयाब बनाइए. याद रखिए पहले भी आपने बहादुरी से मजलिस के उम्मीदवार के पक्ष में वोट दिया था, उसके लिए मैं आपका शुक्रगुज़ार हूं.
ओवैसी ने कहा कि यहां के नौजवानों को नौकरी चाहिए, खेती के लिए सिंचाई चाहिए और स्वास्थ्य सुविधाएं चाहिए. किसान बिजली और सिंचाई की कमी से जूझ रहे हैं ये वही मुद्दे हैं जिन पर एक सच्चा विधायक काम करेगा. हमारी पार्टी AIMIM ने अनस सलाम को आपका उम्मीदवार बनाया, जो इन समस्याओं को समझता है और इनके समाधान के लिए प्रतिबद्ध है. 'क्या हमारे समुदाय के युवा काबिल नहीं?' ओवैसी ने कहा कि बिहार में अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी करीब 17 फीसदी है पर राजनीतिक हिस्सेदारी और टिकट वितरण में असमानता साफ दिखती है. जब किसी को कहा जाता है कि सिर्फ 3 प्रतिशत आबादी वाले समूह का कोई बड़ा पद होगा तो हमें सवाल उठाना चाहिए.
क्या बाकी समाज के बच्चों को समान अवसर नहीं मिलना चाहिए? क्या किसी का बेटा मुख्यमंत्री नहीं बन सकता? क्या हमारे समुदाय के युवा, हमारे बच्चे भी उस काबिलियत के हकदार नहीं हैं? 'आजम का बेटा भी मुख्यमंत्री बनेगा इंशाल्लाह'ओवैसी ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने गठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई थी, लेकिन किसी ने हमें शामिल नहीं किया. अब हमने अपना गठबंधन बनाया है और अलग-अलग लड़ रहे हैं. बाकी जिम्मेदारी उनकी है. ओवैसी ने वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी का ज़िक्र करते हुए कहा कि हम मुकेश को और उनके समाज को धन्यवाद देते हैं कि वो तीन फीसदी होकर भी उपमुख्मंत्री बनें. उन्होंने यह पैग़ाम दिया है कि अगर मल्लाह का बेटा उपमुख्यमंत्री बन सकता है तो आजम का बेटा भी मुख्यमंत्री बनेगा इंशाल्लाह.
'अल्पसंख्यक समुदाय विशेषकर मुसलमान गरीबी का शिकार'उन्होंने आगे कहा कि आज भी कई इलाकों में सिस्टम उन लोगों के लिए काम नहीं कर रहा, जो गरीबी रेखा से नीचे हैं. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय विशेषकर मुसलमान गरीबी के शिकार हैं. इसलिए आपका वोट और आपकी राजनीतिक भागीदारी अहम है. दूसरी तरफ कुछ पार्टियां खुले तौर पर भेदभाव कर रही हैं. टिकट वितरण में पारदर्शिता नहीं है और अधिकार देने की आदत रही है.
हमें इन चीजों को बदलना होगा. AIMIM सुप्रीमो ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी, नीतीश कुमार और अन्य नेता बड़े-बड़े दावे करते हैं पर जमीन पर गरीबों और किसानों को फायदा नहीं होता. जरूरी है कि हम अपने हक के लिए आवाज उठाएं और अपना प्रतिनिधि चुनें, जो हमारे वास्तविक मुद्दों पर काम करें. मैं आपसे बार-बार अपील करता हूं कि 6 तारीख को मजलिस के निशान पतंग पर बटन दबाकर अपने भविष्य का फैसला करें. ये भी पढ़ें.







