H-1B के बाद ट्रंप सरकार का एक और नया नियम, भारतीयों की नौकरी जाने का खतरा

H-1B के बाद ट्रंप सरकार का एक और नया नियम, भारतीयों की नौकरी जाने का खतरा
By : | Updated at : 30 Oct 2025 01:28 PM (IST)

Show Quick Read Key points generated by AI, verified by newsroom अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने एक बदलाव किया है, जिसके तहत अगर समय पर उनके रोजगार प्राधिकरण नवीनीकरण को मंजूरी नहीं दी गई तो हजारों भारतीय पेशेवरों और उनके आश्रितों को काम करना बंद करना पड़ेगा. बता दें कि ये नियम गुरुवार (30 अक्टूबर, 2205) से प्रभावी हो गया है. नए नियम के मुताबिक रोजगार प्राधिकरण दस्तावेजों (ईएडी) के ऑटोमेटिक एक्सटेंशन (स्वत विस्तार) समाप्त हो जाएंगे. इससे गैर अमेरिकी नागरिक वहां काम नहीं कर पाएंगे. डीएचएस ने एक बयान में कहा कि जो विदेशी 30 अक्टूबर, 2025 को या उसके बाद अपने ईएडी को नवीनीकृत करने के लिए आवेदन करेंगे, उन्हें अब अपने ईएडी का स्वतः विस्तार नहीं मिलेगा.

विदेशियों की अब कई बार जांच होगीईएडी के ऑटोमेटिक एक्सटेंशन को समाप्त करने से अमेरिका में काम चाहने वाले विदेशियों की अब कई बार जांच होगी. अब तक कर्मचारी 540 दिनों तक अपनी नौकरी जारी रख सकते थे, जब तक कि उनके नवीनीकरण आवेदन अनुमोदन के लिए लंबित रहते थे. नए नियम के तहत अगर किसी व्यक्ति का नवीनीकरण उसकी वर्तमान EAD की समाप्ति से पहले स्वीकृत नहीं होता है, तो उसे तुरंत काम करना बंद करना होगा. अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने क्या बतायाडीएचएस की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक यूएससीआईएस ने गैर अमेरिकियों को सलाह दी है कि वे अपने ईएडी की समय पर रिनुअल के लिए आवेदन पत्र सही तरीके से भरें ताकि उनकी ईएडी की अवधि समाप्त होने से 180 दिन पहले तक रिनुअल हो सके. कोई भी विदेशी ईएडी रिनुअल आवेदन दाखिल करने में जितना अधिक समय लगाएगा, उतनी ही अधिक संभावना है कि उनके रोजगार प्राधिकरण या दस्तावेज़ीकरण में अस्थायी रूप से चूक हो सकती है.

भारतीयों पर खतराट्रंप सरकार के इस फैसले से भारतीय नागरिकों पर बड़ा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जो कि अमेरिकी प्रवासी कार्यबल का एक बड़ा हिस्सा हैं और पहले से ही ग्रीन कार्ड और वीजा के लंबित मामलों में फंसे हैं. वरिष्ठ वकील हेनरी लिंडपेरे ने कहा कि यह नियम अमेरिका में रोज़गार प्राधिकरण नवीनीकरण के तरीके में एक बड़े बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है. जिन कैटेगरी में भारतीयों का प्रभाव पड़ेगा, उनमें OPT छात्र, H-4 वीजा और ग्रीन कार्ड आवेदक शामिल हैं. ये भी पढ़ें.

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