जीएसटी कट के बाद सोने पर निवेश करना सही या गलत? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

जीएसटी कट के बाद सोने पर निवेश करना सही या गलत? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
By : | Edited By: नीलेश ओझा | Updated at : 10 Sep 2025 03:34 PM (IST)

दुनिया भले ही शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड्स या निवेश के डिजिटल तरीकों को ज्यादा तवज्जो दे रही हो. लेकिन भारत में मिडिल क्लास अभी भी सोने को निवेश का सबसे भरोसेमंद जरिया मानता है. सोना न सिर्फ गहनों के तौर पर काम आता है. बल्कि वक्त जरूरत पर तुरंत कैश में भी बदला जा सकता है. यही कारण है कि त्योहार और शादी-ब्याह के सीजन में इसकी डिमांड और बढ़ जाती है.

अब सरकार ने जीएसटी दरों में कटौती का ऐलान किया है. जो 22 सितंबर 2025 से लागू होगा. इसका सीधा असर ों पर दिख रहा है. अब आम लोगों और निवेशकों के बीच यही सवाल घूम रहा है कि क्या यह समय सोना खरीदने का सही मौका है या फिर इंतजार करना बेहतर रहेगा. चलिए बताते हैं एक्सपर्ट्स की इसपर क्या राय है.

GST कट का सोने पर असर

सरकार ने कई प्रोडक्ट्स पर टैक्स घटाया है जिससे बाजार में पॉजिटिव सेंटिमेंट देखने को मिल रहा है. हालांकि सोना पर जीएसटी रेट पहले की तरह 3% और ज्वेलरी मेकिंग चार्ज 5% ही रहेगा. लेकिन बाकी सामान पर टैक्स कम होने से निवेशकों और खरीदारों की जेब पर सीधा असर पड़ा है.

नतीजा यह निकला कि सोने के भाव नीचे आए. 9 सितंबर को मल्टी कमोडिटी एक्सचें पर 10 ग्राम सोना बढ़त के साथ 110047 रुपये पर पहुंच गया. ऐसे में निवेशकों को रूझान इस और काफी बढ़ रहा है. सोने की कीमतों में अभी और उछाल देखने को मिल सकता है.

क्या अभी सोना खरीदना सही रहेगा?

फिलहाल सोना खरीदने को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीएसटी कटौती ने मार्केट का माहौल बदल दिया है. निवेशकों की रिस्क लेने की इच्छा बढ़ी है और कंपनियों के लिए भी बिक्री में सुधार की संभावना है. सोना और चांदी खरीदने वालों के लिए यह वक्त सही माना जा रहा है.

खासकर उन लोगों के लिए जो लंबे समय से निवेश टाल रहे थे. हालांकि सोना शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव वाला एसेट है. इसलिए इसे जल्दी मुनाफे के लिए नहीं बल्कि लंबी अवधि की सुरक्षा और पोर्टफोलियो बैलेंस के लिए खरीदना समझदारी है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि निवेश का 10 से 15% हिस्सा सोने में होना चाहिए. अभी रेट नीचे आए हैं. ऐसे में खरीदारी करने का यह सही मौका हो सकता है.

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