Bihar Assembly Elections: फलोदी सट्टा बाजार में कैसे तय होते हैं रेट, जानें नीतीश, तेजस्वी से लेकर BJP-RJD तक के भाव?

Bihar Assembly Elections: फलोदी सट्टा बाजार में कैसे तय होते हैं रेट, जानें नीतीश, तेजस्वी से लेकर BJP-RJD तक के भाव?
By : | Updated at : 30 Oct 2025 02:21 PM (IST)

Bihar Assembly Elections: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजस्थान का फलोदी सट्टा बाजार एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन चुका है. अपनी सटीक भविष्यवाणी के लिए मशहूर फलोदी सट्टा बाजार ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर फिर से भविष्यवाणी की है. आइए जानते हैं क्या है इस बाजार की भविष्यवाणी. फलोदी सट्टा बाजार की भविष्यवाणी फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक एनडीए बिहार में अगली सरकार बनाने की दौड़ में सबसे आगे चल रहा है. बाजार के मुताबिक एनडीए की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में नीतीश कुमार का पूरा समर्थन हो रहा है.

सट्टेबाज एनडीए की जीत पर हर 1000 के दांव पर 2000 का रिटर्न दे रहे हैं. फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक एनडीए को 128 से 132 सीटें मिलने का अनुमान है, इसी के साथ महागठबंधन को 97 से 100 सीटें मिल सकती हैं. सट्टा बाजार में नीतीश कुमार का व्यक्तिगत भाव 40 से 45 पैसे के बीच है. इसी बीच कांग्रेस समर्थित महागठबंधन के भावों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. सट्टेबाजों का अनुमान है कि यह 93 से 96 सीट के बीच रहेगा.

इसी बीच आपको बता दें कि जैसे-जैसे चुनाव प्रचार तेज होगा आने वाले दिनों में सीटों के हिसाब से भाव खुलने लगेंगे. फलोदी बाजार में भाव कैसे तय होते हैं फलोदी सट्टा बाजार में भाव निर्धारण की प्रक्रिया कई चीजों पर निर्धारित होती है. इसमें सबसे पहला और प्रभावशाली कारक होता है जनता की भावना. फलोदी बाजार मतदाताओं के मूड पर फलता फूलता है. यह सब सोशल मीडिया पर बातचीत, स्थानीय रैलियां और राजनीतिक बहसों पर निर्भर होता है.

जिस भी पार्टी या फिर उम्मीदवार को जनता का जितना ज्यादा समर्थन मिलता है उसके भाव उतने ही ज्यादा मजबूत होते रहते हैं. इसी के साथ फलोदी के दांव राजनैतिक घटनाक्रमों के प्रति भी काफी ज्यादा संवेदनशील होते हैं. घोषणापत्र जारी होने से लेकर गठबंधन की घोषणा और भाषणों और रैलियों तक कोई भी बड़ी घोषणा या विवाद रातों रात दांव में उतार चढ़ाव ला सकता है. इसी के साथ फलोदी सट्टा बाजार पिछले चुनावी आंकड़ों और मतदाता व्यवहार का भी अध्ययन करता है. सट्टेबाज शुरुआती दांव लगाने से पहले पुराने नतीजों, वोट शेयर, मतदान के पैटर्न और जनसांख्यिकीय रुझानों को समझते हैं.

इसी के साथ दांव पर लगाई जाने वाली धनराशि की मात्रा भी बड़ी भूमिका निभाती है. अगर काफी ज्यादा संख्या में लोग किसी एक पार्टी पर दांव लगाना शुरू कर देते हैं तो सट्टेबाज जोखिम को संतुलित करने के लिए दरों को समायोजित कर सकते हैं. वैसे तो यह सट्टा बाजार अपनी सटीकता के लिए ध्यान आकर्षित करता है लेकिन भारतीय कानून के तहत यह अवैध है.

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