UAE Lottery Rules: अबू धाबी निवासी 29 वर्षीय भारतीय प्रवासी अनिल कुमार बोला ने 10 करोड़ दिरहम का एक बड़ा जैकपॉट जीता है. यह जैकपोट अबू धाबी के लॉटरी इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जैकपोट है. इस लकी ड्रॉ ने अनिल कुमार बोला को रातों-रात करोड़पति बना दिया है. लेकिन इससे सवाल यह उठता है कि क्या भारत में रहने वाला कोई व्यक्ति कानूनी रूप से यूएई लॉटरी टिकट खरीद सकता है या नहीं. तो आइए जानते हैं.
क्या है कानून भारत में रहते हुए यूएई लॉटरी खरीदने के नियम लॉटरी के प्रकार पर निर्भर करते हैं. कुछ लॉटरी वैश्विक स्तर पर उपलब्ध होती हैं, जबकि कुछ सिर्फ यूएई निवासियों के लिए ही हैं. यूएई में सिर्फ वैध अमीरात आईडी वाले आधिकारिक निवासी ही यूएई लॉटरी जैसी सरकार द्वारा अनुमोदित लॉटरी में भाग ले सकते हैं. हालांकि आपको बता दें कि बिग टिकट अबू धाबी और दुबई ड्यूटी फ्री मिलेनियम मिलियनेयर ड्रॉ जैसे कुछ निजी रैफल पूरी दुनिया के प्रतिभागियों को आमंत्रित करते हैं. इनके जरिए आप यूएई में उपस्थित हुए बिना भी ऑनलाइन टिकट खरीद सकते हैं.
हालांकि भारत में स्थिति काफी ज्यादा जटिल है. भारत के जुआ और लॉटरी कानून सार्वजनिक जुआ अधिनियम और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत काफी ज्यादा रिस्ट्रिक्टिव हैं. भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक लॉटरी टिकट खरीदने के लिए विदेश में पैसा भेजना फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के खिलाफ है. यही वजह है कि अगर आप भारत में है तो यूएई लॉटरी टिकट खरीदने के लिए ऑनलाइन धनराशि भेजना तकनीकी रूप से अवैध माना जा सकता है. भारतीय निवासियों के लिए कानून और वित्तीय जोखिम भले ही भारत का कोई भी इंसान किसी भी अंतर्राष्ट्रीय वेबसाइट या फिर किसी थर्ड पार्टी के जरिए भाग लेने में सफल हो जाए लेकिन उसके बावजूद भी जीत का दावा करना और उस राशि को अपने देश में लाना कानूनी और वित्तीय चुनौतियों को पैदा करेगा.
फेमा के तहत विदेशी लॉटरी से जीती गई कोई भी राशि भारत में वापस नहीं लाई जा सकती. इसके अलावा आयकर विभाग यह भी कहता है कि सभी वैश्विक आय भारतीय निवासियों द्वारा घोषित की जानी चाहिए. यानी कि कोई भी लॉटरी जीत, भले ही वह विदेश में कानूनी रूप से प्राप्त की गई हो, भारत में टैक्स के योग्य है. भारत में लॉटरी से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स है.








