पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार (10 सितंबर) को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले प्रशासन से हजरतबल दरगाह घटना के सिलसिले में हिरासत में लिए गए डोडा विधायक मेहराज मलिक सहित हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने का आग्रह किया.
पीआईपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने हजरतबल और डोडा के विधायक महराज मामले में अमीरजा को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि डोडा के विधायक पर मामला दर्ज हजरतबल घटना को लेकर किया गया है. महबूबा ने कहा कि हजरतबल घटना घटी और अब तक करीब 50 लोगों की जांच की जा रही है, जो मुझे लगता है कि ध्यान भटकाने के लिए किया गया है.
अभद्र भाषा का इस्तेमाल पर बोले डोडा के विधायक
डोडा के विधायक महराज आमिर ने पीएसए प्लांट जाने पर कहा कि ऐसा हो सकता है कि डोडा के विधायक ने कुछ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया हो, लेकिन पीएसए के एक नेता ने आपको बताया है कि डोडा के विधायक ने कुछ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है.
महबूबा मुफ़्ती ने कहा, "मैं उपराज्यपाल से कहता हूं कि हजरतबल घटना में लोगों के खिलाफ मामला शामिल है और पीएसए के नेताओं को हटा दिया गया है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे. जो भी हो, यह डोडा में जो हुआ उसे भटकाने के लिए, एक समर्थक को बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता."
'किसी जनप्रतिनिधि के लिए जरूरी नहीं है पीएसए'
श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए, महबूबा ने कहा कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि के खिलाफ सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) का इस्तेमाल अनुचित था. उन्होंने कहा, "किसी जन प्रतिनिधि के लिए पीएसए जरूरी नहीं है, भले ही उसने सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया हो. इस तरह की गिरफ्तारियां लोकतंत्र को कमजोर करती हैं और लोगों को खुद को अभिव्यक्त करने से रोकती हैं."
'केवल ध्यान भटकाने के लिए किया गया डिटेन'
महबूबा ने आरोप लगाया कि मेहराज मलिक की गिरफ्तारी का मकसद हजरतबल दरगाह घटना से जनता का ध्यान भटकाना है. उन्होंने टिप्पणी की, "मौजूदा विधायक को केवल ध्यान भटकाने के लिए हिरासत में लिया गया है. यह दृष्टिकोण लोकतांत्रिक नहीं है."
उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर को श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल से सबक लेना चाहिए, जहां उनके अनुसार, लोगों की आवाज पर प्रतिबंध के गंभीर परिणाम हुए.
महबूबा ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में भी लोगों की आवाज दबाई जा रही है. लोगो की आवाज़ बढ़ाने की कोशिश वहां भी गयी है, क्या होता है हमने पहले श्रीलंका में देखा, बांग्लादेश में देखा और अब नेपाल में देखा जा रहा है''