समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश स्थित जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव ने वर्ष 2019 में फिरोजाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के फैसले पर अफसोस जाहिर किया है. एक साक्षात्कार में यादव ने कहा कि कुछ बातें ऐसी हो जाती हैं कि उसका मुझे आज भी अफसोस है. अगर मैं फिरोजाबाद से नहीं लड़ता तो मेरा भतीजा ही तो जीतता, कोई हरा लेता? नहीं हरा सकता. वो इतने वोटों से जीतता. खैर इसका अफसोस है. मैं यह सब भुला देना चाहता हूं.'
बता दें शिवपाल सिंह यादव ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में स्वगठित प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के टिकट पर फिरोजाबाद सीट से चुनाव लड़ा था. इस इलेक्शन में सपा से अक्षय यादव मैदान में थे. वहीं परिणामों में शिवपाल सिंह यादव तीसरे नंबर पर आए थे. उन्हें उस चुनाव में कुल पोलिंग का 8.54 फीसदी मत यानी 91 हजार 869 वोट मिले थे. वहीं अक्षय यादव को 4 लाख 67 हजार 38 मत मिले थे. 2019 के चुनाव में फिरोजाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के चंद्रसेन जादौन ने 4 लाख 95 हजार 819 मत पाकर चुनाव जीता था. जादौन ने शिवपाल के भतीजे अक्षय को 28 हजार 781 मतों से हराया था.
'रामगोपाल से सुधर गए रिश्ते...'
बता दें वर्ष 2024 के चुनाव में इसी सीट पर सपा के अक्षय यादव ने 89 हजार 312 मतों के अंतर से बीजेपी के विश्वदीप सिंह को हराया. उन्हें जून 2024 में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 5 लाख 43 हजार 37 मत मिले थे. वहीं विश्वदीप सिंह को 4 लाख 53 हजार 725 वोट मिले थे.
भारत समाचार को दिए एक साक्षात्कार में शिवपाल ने यह भी कहा कि राज्यसभा सांसद और प्रोफेसर रामगोपाल यादव से उनके रिश्ते पूर्ववत नहीं रहे. अब रिश्ते सुधर गए हैं. हम अब साथ हैं. पहले से ज्यादा प्रेम है. जो संबंध बिगड़े वह सत्ता की वजह से हुआ. कुछ चुगलखोर थे, जिन्होंने बढ़ा चढ़ाकर बातें की.