Delhi Heatwave: भीषण गर्मी से दिल्ली के लोग ज्यादा गंवा रहे जान, खुद देख लें बीते 5 साल का आंकड़ा

Delhi Heatwave: भीषण गर्मी से दिल्ली के लोग ज्यादा गंवा रहे जान, खुद देख लें बीते 5 साल का आंकड़ा
By : | Edited By: Sonam | Updated at : 10 Sep 2025 11:15 AM (IST)

दिल्ली में भीषण गर्मी अब सिर्फ गर्मियों तक सीमित नहीं रह गई है. Greenpeace India की एक नई स्टडी में यह सामने आया है कि तेज गर्मी और बढ़ते तापमान से दिल्ली में हजारों अनदेखी मौतें हो रही हैं, खासकर बेघर और बाहर काम करने वाले लोगों के बीच. रिपोर्ट का नाम है “Death and Degree: Establishing a Relationship of Death and Heat in Scorched Delhi”, जिसमें Universal Thermal Climate Index (UTCI) के आंकड़ों का इस्तेमाल करके यह दिखाया गया है कि गर्मी अब एक गंभीर सार्वजनिक हेल्थ संकट बन गई है.

मानसून के महीने भी अब खतरनाक

रिपोर्ट के अनुसार, जो मानसून के महीने पहले राहत लाते थे, अब उनमें भी खतरनाक स्तर की गर्मी और नमी दर्ज हो रही है. 2015 से 2024 तक जून, जुलाई और अगस्त में लगातार UTCI का मान 31.5 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज हुआ, जबकि जुलाई 2019 में यह चरम स्तर 34.4 डिग्री तक पहुंच गया, जो पहले केवल गर्मियों में ही देखने को मिलता था. मार्च और अप्रैल के महीनों में UTCI स्तर में 30 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि देखी गई, जो गर्मियों के खतरनाक आगमन का संकेत देती है.

बढ़ते तापमान और मौतों का कनेक्शन

बढ़ते तापमान के साथ ही मौतों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. केवल 2019 में ही रिकॉर्ड गर्मी के महीनों में 5,341 अनजान मौतें दर्ज की गईं. 2022 से 2024 तक दिल्ली में कुल 11,819 ऐसी मौतें हुईं, जो किसी भी तीन साल की अवधि में अब तक की सबसे ज्यादा हैं. जून 2019 सबसे खतरनाक महीना रहा, जब 34.2 डिग्री के UTCI पर 657 मौतें हुईं.

बेघर लोग सबसे ज्यादा प्रभावित

बेघर लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. जून 2024 में केवल नौ दिनों में 192 बेघर लोगों की मौत हुई, जबकि जुलाई 2024 में 401 मौतें हुईं, जो पिछले दो दशकों में सबसे ज्यादा मासिक आंकड़ा है.

Greenpeace की चेतावनी

Greenpeace India की Selomi Garnaik का कहना है, “हमारे रिसर्च से पता चलता है कि दिल्ली में गर्मी का संकट अब सिर्फ गर्मियों तक सीमित नहीं रहा बल्कि मानसून तक फैल गया है. अगर इसे आपदा के रूप में तुरंत मान्यता नहीं दी गई और जोखिम वाले समुदायों की सुरक्षा के उपाय नहीं किए गए, तो दिल्ली में लोग चुपचाप अपनी जान गंवाते रहेंगे.”

गर्मी की मौतें अक्सर रह जाती हैं अनदेखी

एक्सपर्ट का कहना है कि गर्मी से होने वाली मौतें अक्सर अनदेखी रह जाती हैं क्योंकि इन्हें ठीक से डायग्नोज़ करना मुश्किल होता है, लेकिन UTCI और मौतों के आंकड़ों के बीच स्पष्ट संबंध है. रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है कि गर्मी की लहरों को आपदा के रूप में कानूनी मान्यता दी जाए, जैसे कि Disaster Management Act, 2005 में है, और साथ ही ठंडक केंद्र, पानी पीने के स्टेशन और चिकित्सा सहायता जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं. इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि दिल्ली में गर्मी अब एक गंभीर और लंबी अवधि की स्वास्थ्य चुनौती बन चुकी है. अगर इसके खिलाफ तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले सालों में और अधिक लोग अपनी जान गंवा सकते हैं.

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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