नेपाल इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद देश की संसद और सड़कों पर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. राजधानी काठमांडू में हाल ही में संसद भवन में आगजनी और प्रदर्शन की घटनाओं ने सबका ध्यान खींचा. इस अशांति के बीच एक बड़ा सवाल लोगों के मन में उठ रहा है कि आखिर नेपाल में मंत्री, सांसद और बड़े अधिकारियों को कितनी सैलरी मिलती है? आइए जानते हैं...
नेपाल के एक न्यूज पोर्टल की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार नेपाल के उप-प्रधानमंत्री को हर महीने 77,640 नेपाली रुपये मिलते हैं. यह पद प्रधानमंत्री के बाद सरकार में दूसरा सबसे अहम माना जाता है. जबकि एक मंत्री की मासिक सैलरी 72,730 रुपये है, जबकि राज्य मंत्री को इससे थोड़ा कम यानी 69,030 रुपये मिलते हैं. सरकार में सहायक मंत्री का पद भी महत्वपूर्ण माना जाता है. उन्हें हर महीने 67,530 रुपये मिलते हैं.
संसद और विपक्ष
संसद के उपाध्यक्ष या राष्ट्रीय सभा के उपाध्यक्ष को भी मंत्री के बराबर यानी 72,730 रुपये मिलते हैं. मुख्य विपक्षी दल के नेता की तनख्वाह भी ठीक इतनी ही है. वहीं, सांसदों की सैलरी हर महीने 66,240 रुपये है.
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मुख्य न्यायाधीश की सैलरी कितनी?
किसी राज्य का प्रांतीय प्रमुख (गवर्नर) हर महीने 76,240 रुपये कमाता है. राष्ट्रीय योजना आयोग के उपाध्यक्ष की तनख्वाह 69,030 रुपये है और योजना आयोग के सदस्य को 67,530 रुपये मिलते हैं. नेपाल में सबसे ज्यादा वेतन पाने वालों में मुख्य न्यायाधीश आते हैं. उनकी मासिक सैलरी 88,950 रुपये है. वहीं, जस्टिस (न्यायाधीश) को 73,950 रुपये मिलते हैं.
अटॉर्नी जनरल (महाधिवक्ता) की सैलरी भी उतनी ही है यानी 73,950 रुपये. जबकि किसी भी संवैधानिक निकाय के प्रमुख की तनख्वाह 70,180 रुपये तय की गई है. यहां बताए गए सभी अमाउंट नेपाली रुपये में है.
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अब क्या है हाल?
नेपाल के काठमांडू शहर में अगले आदेश तक कर्फ्यू लागू किया गया है. बताते चलें कि कल कथित भ्रष्टाचार को लेकर सरकार के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के बीच नेपाली प्रधानमंत्री केपी ओली ने इस्तीफा दे दिया था. जबकि उनसे पहले होम मिनिस्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. आंदोलनकारियों से सेना शांति बनाने की अपील कर रही है. भारत-नेपाल सीमा पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
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