महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन अब देश के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति बन गए हैं. 9 सितंबर 2025 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार राधाकृष्णन ने 452 वोट हासिल कर बड़ी जीत दर्ज की. उनका पूरा नाम चंद्रपुरम पोनुसामी राधाकृष्णन है. वे मूल रूप से तमिलनाडु से संबंध रखते हैं और राजनीति में उनका अनुभव कई सालों का है.
उपराष्ट्रपति चुने जाने से पहले सीपी राधाकृष्णन झारखंड और महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर भी कार्य कर चुके हैं. केंद्र सरकार ने उन्हें 18 फरवरी 2023 को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया था, जहां उन्होंने लगभग डेढ़ साल यानी 30 जुलाई 2024 तक जिम्मेदारी निभाई. इसके बाद वे महाराष्ट्र के राज्यपाल बने. इस दौरान उन्होंने तेलंगाना और पुदुचेरी के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाला.
भारत के उपराष्ट्रपति (Vice President) देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है. उपराष्ट्रपति के साथ काम करने वाली टीम बेहद महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यही टीम उनकी हर छोटे-बड़े मामले में सहयोग करती है. इस टीम में सबसे अहम पदों में से एक है अंडर सेक्रेटरी (Under Secretary). ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अंडर सेक्रेटरी को आखिर कितनी सैलरी मिलती है.
अंडर सेक्रेटरी किसी भी मंत्रालय या बड़े संवैधानिक पदाधिकारी के दफ्तर में मुख्य भूमिका निभाते हैं. वे नीतियों से जुड़े दस्तावेज तैयार करने, सरकारी प्रस्तावों की जांच करने और वरिष्ठ अधिकारियों को सलाह देने का काम करते हैं. उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद पर काम करते हुए उनकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है.
यह भी पढ़ें -
कितना है वेतन?
सरकारी नियमों के अनुसार अंडर सेक्रेटरी का पद पे मैट्रिक्स लेवल-10 में आता है. इस स्तर पर उनकी बेसिक सैलरी 56,100 रुपये प्रति माह से शुरू होती है. जैसे-जैसे उनकी सेवा का समय बढ़ता है और वार्षिक इन्क्रीमेंट मिलता है, सैलरी में इजाफा होता रहता है. इस स्तर पर अधिकतम वेतन लगभग 1,77,500 रुपये प्रति माह तक जा सकता है.
भत्तों से और बढ़ जाती है कमाई
अंडर सेक्रेटरी की इन-हैंड सैलरी सिर्फ बेसिक तक सीमित नहीं रहती. इसमें कई तरह के भत्ते शामिल होते हैं. डीए (महंगाई भत्ता), एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस), ट्रांसपोर्ट अलाउंस और अन्य सरकारी सुविधाएं शामिल हैं.
- यह भी पढ़ें -
Education Loan Information: