पटियाला पैग तो बहुत सुना होगा आपने, जान लें किसने की थी इसकी शुरुआत?

पटियाला पैग तो बहुत सुना होगा आपने, जान लें किसने की थी इसकी शुरुआत?
By : | Edited By: मानसी | Updated at : 10 Sep 2025 06:00 PM (IST)

शादी-ब्याह हो या कोई बड़ी पार्टी, जैसे ही मस्ती का माहौल बनता है और गाने बजने लगते हैं, पटियाला पैग की डिमांड बढ़ जाती है. चाहे आप शराब पीते हों या नहीं, लेकिन पटियाला पैग शब्द आपने जरूर सुना होगा. बॉलीवुड फिल्मों से लेकर पंजाबी गानों तक, इस शब्द की धूम हर जगह है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर ये पटियाला पैग होता क्या है? और इसका नाम 'पटियाला' ही क्यों पड़ा? चंडीगढ़, दिल्ली या अमृतसर नहीं, बल्कि सिर्फ पटियाला ही क्यों.

दरअसल, पटियाला पैग सिर्फ एक पैग नहीं है. यह शौक, शान और परंपरा की एक कहानी है जो आज भी लोगों की जुबान पर है. एक ऐसा नाम, जो एक राजा के शौक और रणनीति से निकलकर दुनिया भर में फेमस हो गया है. चलिए आज हम आपको इस खास शब्द की पूरी कहानी बताते हैं जो सीधे इतिहास से जुड़ी है और आज भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.

पटियाला पैग क्या होता है?

पटियाला पैग में आम पैग के मुकाबले कहीं ज्यादा मात्रा में व्हिस्की या शराब डाली जाती है. आमतौर पर एक स्मॉल पैग में 30 ml शराब डाली जाती है, लार्ज पैग में करीब 60 ml लेकिन पटियाला पैग लमें करीब 120 ml शराब डाली जाती है. यानी लगभग आधा गिलास शराब और आधा गिलास पानी या सोडा. यह पैग इतना हार्ड होता है कि हर कोई इसे सहन नहीं कर सकता है. इसलिए अक्सर कहा जाता है कि पटियाला पैग हर किसी के बस की बात नहीं.

पटियाला पैग की शुरुआत कैसे हुई?

पटियाला पैग की शुरुआत पटियाला के राजा महाराजा भूपिंदर सिंह से जुड़ी है. वह 1900 से लेकर 1938 तक पटियाला रियासत के शासक रहे. महाराजा भूपिंदर सिंह को लग्जरी लाइफ, क्रिकेट, पोलो और शराब का भी काफी शौक था. उनके पास शानदार महल, बेशकीमती गाड़ियां और शाही स्टाइल था.

अंग्रेजों की शिकायत और पटियाला पैग नाम की शुरुआत

महाराजा भूपिंदर सिंह को क्रिकेट खेलने का जबरदस्त शौक था. वह कई टीमों के साथ मैच खेलते थे, जिनमें अंग्रेजों की टीम भी शामिल थी. वह चाहते थे कि हर हाल में अंग्रेजों को हराएं. इसके लिए उन्होंने एक तरीका निकाला. जब भी मैच होता तो उसकी एक रात पहले पार्टी रखते, जिसमें अंग्रेज खिलाड़ियों को बुलाया जाता था. उन्हें बड़े-बड़े पैग में व्हिस्की पिलाई जाती यानी एक ऐसा ड्रिंक जो देखने में भी हार्ड लगे और पीने के बाद तो होश ही न रहे. अंग्रेज खिलाड़ी जब सुबह मैदान में उतरते तो हैंगओवर में होते और ठीक से खेल नहीं पाते, जिसके कारण महाराजा की टीम जीत जाती थी.

जब ये बार-बार होने लगा तो अंग्रेजों ने शिकायत की. उन्होंने अपने एक राजनयिक के जरिए महाराजा से कहा कि आपके यहां जानबूझकर ज्यादा शराब पिलाई जाती है. इस पर महाराजा ने मुस्कराते हुए जवाब दिया हमारे पटियाला में तो ऐसे ही पैग बनते हैं, हम तो हमेशा इतना ही डालते हैं यानी उनके लिए ये आम बात थी और तभी से पटियाला पैग नाम पड़ गया और पटियाला पैग को फोर फिंगर पैग भी कहा जाता है.

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